Breaking News
निकाय चुनाव की तिथि का किया ऐलान, जानिए कब होगी वोटिंग
नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
 कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल के 38वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
तमन्ना भाटिया के प्रशंसकों को मिला तोहफा, ‘ओडेला 2’ का नया पोस्टर जारी
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
कुवैत ने पीएम मोदी को अपने सबसे बड़े सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से किया सम्मानित 
मुख्यमंत्री धामी ने 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का किया लोकर्पण और शिलान्यास

बाजार में ए1 और ए2 के नाम से अब नहीं बिकेगा दूध, घी और मक्खन, एफएसएसएआई ने लगाई रोक

नई दिल्ली। अब बाजार में कंपनियां ए1 और ए2 के  नाम से दूध, घी और मक्खन नहीं बेच सकेंगी। दरअसल, खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने ई-कामर्स कंपनियों सहित सभी खाद्य कारोबारियों को पैकेजिंग के ऊपर से ए1 और ए2 प्रकार के दूध और दूध उत्पादों के दावों को हटाने का निर्देश दिया है।

एफएसएसएआई ने कहा कि उसने ए1 और ए2 संबंधी दावों के मुद्दों की जांच की और पाया कि ए1 और ए2 दूध अंतर बीटा कैसिन प्रोटीन की संरचना से जुड़ा है, जो गाय की नस्ल के आधार पर भिन्न होता है। नियामक ने कहा कि वर्तमान में जो नियम हैं, वह इस अंतर को मान्यता नहीं देते हैं।

नियामक ने कहा, उसने दूध का व्यवसाय करने वाली कंपनियों से अपने उत्पादों से ऐसे दावों को हटाने का निर्देश दिया है। साथ ही ई-कामर्स प्लेटफार्म को भी अपने उत्पादों और वेबसाइटों से इन दावों को तुरंत हटाने के लिए कहा गया है। कंपनियों को पहले से ही मुद्रित पैकेजिंग को खत्म करने के लिए छह महीने का समय दिया गया है और भविष्य में इस समयसीमा को नहीं बढ़ाया जाएगा।

नियामक ने इस निर्देश का सख्ती से अनुपालन करने का निर्देश दिया है। आदेश का स्वागत करते हुए पराग मिल्क फूड्स के चेयरमैन देवेंद्र शाह ने कहा कि एफएसएसएआइ का आदेश सही दिशा में उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा कि ए1 और ए2 दावे मार्केटिंग रणनीति के तहत गढ़े गए शब्द हैं। यह जरूरी है कि उपभोक्ताओं को गलत जानकारी देने वाले भ्रामक दावों को हम खत्म करें। उन्होंने कहा कि ए1 या ए2 दूध उत्पाद श्रेणी कभी अस्तित्व में नहीं थी और वैश्विक स्तर पर भी यह प्रवृत्ति खत्म हो रही है।

ए1-यूरोप, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से आने वाली विदेशी गायों का दूध ए1 होता है। ए1 बीटा कैसिन में पेप्टाइड्स को अमीनो एसिड्स में ब्रेक नहीं किया जा सकता। इसी कारण से ये पचाने योग्य नहीं होता है, जो कई तरह के रोगों को जन्म देता है। ए2-ए2 बीटा कैसिन भारत की गायों से मिलने वाला दूध है। दरअसल, दूध में जो प्रोटीन होता है, वह पेप्टाइड्स में तब्दील होता है। बाद में यह अमीनो एसिड्स का स्वरूप लेता है। इस तरह का दूध पचाने में आसान रहता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top