Breaking News
महाराज ने पत्रकार धूलिया के असामयिक निधन पर जताया दु:ख
विकसित उत्तराखण्ड बनाने के लिए समाज के अन्तिम छोर के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में कार्य किये जाएं- मुख्यमंत्री
असम में मानसून की एंट्री के साथ तबाही- भारी बारिश से 20 जिलों के 764 गांव जलमग्न
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने केदारनाथ-बद्रीनाथ में किए दर्शन, देश की खुशहाली के लिए की प्रार्थना
देश में फिर बढ़ा कोरोना का खतरा, पिछले 24 घंटे में 203 नए केस आये सामने
एक महीने में श्री केदारनाथ धाम यात्रा में लगभग 200 करोड़ का कारोबार
मुख्यमंत्री धामी ने हरिद्वार में वात्सलय गंगा आश्रय का किया लोकार्पण
राजीव कृष्णा बने उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी, 11 सीनियर अफसरों को पीछे छोड़ मिली जिम्मेदारी
यमुनोत्री में भक्तों का उत्साह बरकरार, पर चारधाम में कुल संख्या में गिरावट

मानसून तैयारियों पर मंथन: आपदा प्रबंधन से लेकर राहत कार्यों तक, सीएम धामी ने दिए अहम निर्देश

देहरादून में आपदा प्रबंधन पर कार्यशाला, सीएम धामी बोले – ‘आपदाओं का प्रभाव कम करना ही प्राथमिकता

देहरादून। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) की ओर से आज राजधानी देहरादून में एक अहम कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कार्यक्रम में शामिल हुए और राज्य की मानसून पूर्व तैयारियों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि, “हम प्राकृतिक आपदाओं को पूरी तरह रोक नहीं सकते, लेकिन समय पर की गई तैयारी से उनके प्रभाव को जरूर कम कर सकते हैं। यही हमारी प्राथमिकता है।” उन्होंने बताया कि राज्य प्रशासन के सभी संबंधित विभाग और अधिकारी मानसून से पहले की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने आपदा मित्र योजना की तर्ज पर “आपदा सखी योजना“ प्रारंभ किए जाने की घोषणा भी की, जिससे महिला स्वयंसेवकों को आपदा से पूर्व चेतावनी, प्राथमिक चिकित्सा, राहत एवं बचाव कार्यों, मनोवैज्ञानिक सहायता आदि के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए हमारे द्वारा प्रोएक्टिव और रिएक्टिव दोनों प्रकार की रणनीतियों को अपनाया गया है। यह कार्यशाला आपदा प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाली चुनौतियों के बेहतर प्रबंधन के लिए सहायक सिद्ध होगी। प्राकृतिक आपदाओं को टाला नहीं जा सकता, लेकिन त्वरित प्रतिक्रिया, सतर्कता और समन्वित राहत एवं बचाव कार्यों से जन-धन की हानि को कम किया जा सकता है।

कार्यशाला का उद्देश्य मानसून के दौरान संभावित आपदाओं से निपटने के लिए समन्वित रणनीति बनाना था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यशाला में आपदा प्रबंधन के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर अग्रिम तैयारियां पूरी करें, ताकि किसी भी आपात स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों में कोई बाधा न आए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top