Breaking News
निकाय चुनाव की तिथि का किया ऐलान, जानिए कब होगी वोटिंग
नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
 कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल के 38वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
तमन्ना भाटिया के प्रशंसकों को मिला तोहफा, ‘ओडेला 2’ का नया पोस्टर जारी
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
कुवैत ने पीएम मोदी को अपने सबसे बड़े सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से किया सम्मानित 
मुख्यमंत्री धामी ने 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का किया लोकर्पण और शिलान्यास

चीन ने जी7 शिखर सम्मेलन की आलोचना करते हुए कहा, “यह दुनिया का प्रतिनिधित्व नहीं करता”

बीजिंग। चीन ने इटली में हुए जी7 शिखर सम्मेलन की आलोचना की। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने जी 7 देशों पर चीन से संबंधित मुद्दों का इस्तेमाल कर ड्रैगन (चीन) को ही बदनाम करने का आरोप लगाया। जी7 शिखर सम्मेलन में चीन के बयान को लेकर लिन जियान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। लिन जियान ने कहा, “जी 7 सम्मेलन में नेताओं ने चीन से संबंधित मुद्दों का इस्तेमाल ड्रैगन की निंदा करने और उसपर हमला करने के लिए किया। उन्हीं झूठे आरोपों का इस्तेमाल किया गया, जिसका कोई आधार नहीं है। यह केवल झूठ से भरे हुए हैं।” उन्होंने जी 7 की आलोचना करते हुए कहा, “यह दुनिया का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। इन सात देशों में दुनिया की केवल 10 प्रतिशत आबादी रहती है। इन सभी को एक साथ लाने के बावजूद ये वैश्विक आर्थिक विकास में चीन से कम योगदान देते हैं।”

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, जी 7 लंबे समय से अपने लक्ष्य से भटका हुआ है। यह अमेरिका और पश्चिमी देशों के वर्चस्व को बनाए रखने के लिए एक राजनीतिक टूल बन गया है। यह अपने नियम और फैसले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर अंतरराष्ट्रीय नियम के उद्देश्य और सिद्धांत से ऊपर रखता है। लिन जियान ने जी-7 पर सैन्य युद्धाभ्यास और क्षेत्रीय हस्तक्षेप के माध्यम से तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया। विशेष ग्रुप बनाकर विभिन्न गुटों को भड़काता है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का कार्रवाइयां अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कमजोर करती है।

जी 7 शिखर सम्मेलन में नेताओं ने हिंद-प्रशांत के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं पर जोर दिया। शिखर सम्मेलन के बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि वे चीन को नुकसान पहुंचाने और उसके आर्थिक विकास को विफल करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। बता दें कि जी 7 सात देशों से मिलकर बना है, इसमें अमेरिका, यूके, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस शामिल हैं। इटली में आयोजित जी 7 शिखर सम्मेलन के लिए वहां की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रित किया था। यह सम्मेलन इटली के अपुलिया में 13 से 15 जून तक आयोजित किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top