Breaking News
सीएम धामी ने किया 126 करोड़ की 27 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास
भारत ने आतंकवाद पर अपनाया कड़ा रुख- डॉ. एस. जयशंकर
रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा टला, हेलीकॉप्टर में आई तकनीकी खराबी, सड़क पर करवाई इमरजेंसी लैंडिंग
राहुल गांधी का भाजपा पर बड़ा हमला, महाराष्ट्र चुनाव को बताया ‘मैच फिक्सिंग’
सीएम धामी ने कालू सिद्ध मंदिर में की पूजा-अर्चना
जौनसार-बावर में राशन संकट पर डीएम सख्त, विक्रेताओं को चेताया
क्या धूम्रपान आपकी उम्र 10 साल तक घटा सकता है? आइये जानते हैं क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ
जनता दरबार और चौपालों के माध्यम से समस्याओं का समाधान हो- मुख्यमंत्री धामी
यूसीसी- निशुल्क विवाह पंजीकरण की अंतिम तिथि 26 जुलाई

आयुष्मान भारत की यात्रा

ममता सिंह
बीते तीस अप्रैल को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, जिसे आयुष्मान भारत योजना के नाम से भी जाना जाता है, के छह वर्ष पूरे हो गये। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर 50 करोड़ से अधिक लोगों को पांच लाख रुपये के सालाना स्वास्थ्य बीमा मुहैया करायी जा रही है। उल्लेखनीय है कि यह योजना दुनिया की ऐसी सबसे बड़ी बीमा योजना है। हमारे देश की आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा गरीब और निम्न आय वर्ग का है। अत्यंत कम आमदनी या गरीबी के कारण गंभीर बीमारियों का इलाज करा पाना उनके लिए असंभव था। इस समस्या के समाधान के रूप में जन आरोग्य योजना लायी गयी थी। इस योजना के दायरे में 10।74 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवार आते हैं।

यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त-पोषित है, लेकिन इसके लागू करने के खर्च को केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर उठाती हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत रोगियों के अस्पताल में भर्ती के खर्च को कैशलेस प्रक्रिया के जरिये उठाने का अधिकार भी राज्य सरकारों को है। इस योजना में बड़ी संख्या में सरकारी और निजी अस्पतालों की सहभागिता है, जहां लाभार्थी बेहतरीन उपचार हासिल कर सकते हैं। सरकार और अस्पतालों द्वारा इस योजना को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रचार तो होता ही है, साथ ही लाभार्थियों की समुचित देखभाल सुनिश्चित करने और जागरूकता प्रसार के लिए कर्मियों की एक नयी श्रेणी भी बनायी गयी है, जिन्हें आयुष्मान मित्र कहा जाता है। इस श्रेणी से जहां लाभार्थियों को सहयोग मिल रहा है, वहीं युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं।

भारत में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के एक वरिष्ठ अधिकारी अभिमन्यु सक्सेना ने कहा है कि इस योजना को न केवल एशियाई देशों, बल्कि दुनियाभर में लागू किया जा सकता है। आज के डिजिटल युग में स्वास्थ्य सेवा में तकनीक का इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है। डिजिटल स्वास्थ्य प्रक्रिया से आयुष्मान भारत के लाभार्थियों को जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरुआत की है। इसके तहत एक विशेष पहचान पत्र निर्गत किया जा रहा है। सक्सेना ने रेखांकित किया है कि इस मामले में भारत कई देशों से आगे है क्योंकि यहां डिजिटल प्रक्रिया विकसित दौर में है। स्वास्थ्य सेवा को समावेशी एवं प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अनेक पहलें की गयी हैं तथा इस प्रयास में विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम जैसी वैश्विक संस्थाओं का सहयोग भी लिया जा रहा है। अब जानकारी और जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top