Breaking News
निकाय चुनाव की तिथि का किया ऐलान, जानिए कब होगी वोटिंग
नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
 कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल के 38वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
तमन्ना भाटिया के प्रशंसकों को मिला तोहफा, ‘ओडेला 2’ का नया पोस्टर जारी
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
कुवैत ने पीएम मोदी को अपने सबसे बड़े सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से किया सम्मानित 
मुख्यमंत्री धामी ने 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का किया लोकर्पण और शिलान्यास

भाजपा के लिए खतरे की घंटी

देश के सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के आए नतीजों में ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों ने भाजपा को करारा झटका देते हुए 10 सीटें जीत लीं।

भाजपा दो सीट ही जीत सकी जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई। पश्चिम बंगाल की चार, हिमाचल प्रदेश की तीन, उत्तराखंड की दो, पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार और तमिलनाडु की एक-एक सीट के लिए चुनाव हुआ था। इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस, ‘आप’, टीएमसी और द्रमुक ने अपने उम्मीदवार उतारे थे।

नतीजों से इंडिया गठबंधन के घटक दल गद्गद् हैं, और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाजरुन खरगे ने नतीजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा कि लोगों ने भाजपा के अहंकार, कुशासन और नकारात्मक राजनीति को नकार दिया है और नतीजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की गिरती राजनीतिक साख का प्रमाण हैं। खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करके इन नतीजों पर मतदाताओं का आभार जताया है।

खास बात यह रही कि उत्तराखंड, हिमाचल और पंजाब में जनता ने पाला बदलने वाले नेताओं को नकार दिया। उत्तराखंड की दोनों सीटें कांग्रेस ने जीत लीं। सर्वाधिक चर्चा प्रसिद्ध तीर्थस्थल बद्रीनाथ सीट की है, जहां कांग्रेस अपनी सीट बरकरार रखने में सफल रही। यहां भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े राजेंद्र सिंह भंडारी कांग्रेस के सिटिंग विधायक थे लेकिन पाला बदल कर भाजपा में जा मिले।

भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बना दिया लेकिन कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला ने उन्हें पराजित कर दिया। हिमाचल प्रदेश में भी रोचक परिदृश्य उभरा है। देहरा सीट से मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की पत्नी कमलेश जीतीं। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को हराया। प्रदेश में पहली बार होगा जब पति-पत्नी सदन में साथ होंगे। कांग्रेस के विधायक 40 हो गए हैं, जबकि भाजपा की 28 सीटें हैं।

फरवरी में राज्य सभा चुनाव के वक्त विधायकों की बगावत से कांग्रेस की सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे, जो टल गया है। मध्य प्रदेश में कमलनाथ के गढ़ माने जाने वाले छिंदवाड़ा क्षेत्र में भाजपा ने कांग्रेस को फिर झटका देते हुए अमरवाड़ा सीट जीत ली। पश्चिम बंगाल में दीदी का जलवा कायम है, और टीएमसी ने चारों सीटें जीत लीं।

भाजपा से तीन सीटें छीनी हैं। बेशक, नतीजे भाजपा के लिए खतरे की  घंटी हैं, जिनका उप्र में विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव तथा हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के आसन्न असेंबली चुनाव पर निश्चित असर दिखेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top