Breaking News
सीएम धामी ने गृह मंत्री को भेंट की मुनस्यारी शॉल 
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने ₹37 करोड़ की लागत के विभिन्न मोटर मार्गो का किया शिलान्यास 
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी के दोनों मुकाबले नहीं खेलेंगे मोहम्मद शमी
मिड-डे मील में छात्रों को परोसी जायेगी ईट राइट थाली
नाबालिग के साथ बर्बरता की हदें पार, बर्थ-डे पार्टी में बुलाकर नग्न कर पीटा, फिर चटवाया थूक
अरविंद केजरीवाल ने की एक और चुनावी घोषणा, दिल्ली में 24 घंटे मिलेगा साफ पानी
महेश बाबू की फिल्म एसएसएमबी 29 पर आया बड़ा अपडेट, जनवरी में शुरु होगी शूटिंग
नगर निकाय चुनाव में दम आजमाने वाले नेताओं को अब देना होगा अपना आपराधिक ब्योरा
26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के मौके पर दिए जाएंगे ‘प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार’ 

कपाट खोलने के बाद बद्रीनाथ धाम में हुआ कुछ ऐसा, जिसे देश के लिए शुभ संकेत मान रहे तीर्थ पुरोहित

देहरादून। बदरीनाथ धाम कपाट खोलने के बाद कुछ ऐसा हुआ जिसे तीर्थ पुरोहित देश के लिए शुभ संकेत मान रहे हैं। दरअसल, बदरीनाथ की मूर्ति को कपाट बंद करने के वक्त ओढ़ाया गया घृत कंबल जब हटाया गया तो उसपर घी पूरी तरह से लगा मिला। इतने कम तापमान होने पर भी घी सूखा नहीं। घृतकंबल पर घी का ना सूखना देश के लिए शुभ माना जाता है।

बदरीनाथ के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि जब बदरीनाथ गर्भगृह में घृत कंबल हटाया गया तो, उस पर लगाया गया घी का लेप सूखा नहीं था। इससे देश में खुशहाली आने के संकेत हैं।गत वर्ष भी घी सूखा नहीं था। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि यदि बदरीनाथ के माथे की तरफ कंबल से घी सूख जाता है तो हिमालय क्षेत्र में सूखे की स्थिति पैदा होती है, और निचले हिस्से में घी सूखे तो देश में विपत्ति आती है।

घृत कंबल को देश के प्रथम गांव माणा की महिलाओं के द्वारा तैयार किया जाता है। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के दिन घी के लेप लगे कंबल को बदरीनाथ के ओढ़ा जाता है और कपाट खुलने के दिन इस कंबल को तीर्थयात्रियों में प्रसाद के रुप में वितरित किया जाता है। टिहरी के राजा प्रतिनिधि के रूप में बदरीनाथ धाम पहुंचे ठाकुर भवानी सिंह पंवार की देखरेख में बदरीनाथ धाम के कपाट खुले। उनके साथ राजगुरु कृष्णानंद नौटियाल, ठाकुर नरेंद्र सिंह रौथाण, ठाकुर गौरव बर्त्वाल और डॉ. मानवेंद्र बर्त्वाल भी मौजूद रहे।

बता दें कि टिहरी राजा की कुंडली के आधार पर ही बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि घोषित होती है। बदरीनाथ धाम में ताला खोलने का काम राजगुरु करते हैं। धाम के कपाट खुलने के बाद देश के प्रथम गांव माणा की महिलाओं ने मांगलिक गीतों के साथ ही बदरीनाथ के गीतों की प्रस्तुतियां दी। महिलाओं ने झुमेलो के साथ जय बदरी विशाल बोला, जय बदरी विशाल के साथ ही कई अन्य भजनों की प्रस्तुतियां भी दीं। इस दौरान तीर्थयात्रियों ने भी महिलाओं के साथ झुमेलो में प्रतिभाग किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top